दिल ने हमसे माँगी इजाज़त पर ना माने हम
लाख की इलतजा पर हम ना माने
फिर एक दिन रो पड़ा वो, कहा बगुला भगत हो तुम
मुझे तड़पा के खुद खुश रहने का आडंबर करते हो
तब हमने दिल को समझाया था
की जालिम है यह समाज
ये दुनिया के रीति रिवाज
परवाना बनेगा तो जल जाएगा
और सहमा दिल मान गया
पर यह कुछ महीनो पुरानी बात है
आज फिर से दिल ने इजाज़त माँगी है
और आज फिर से दिल को हमने समझाया है
लाख की इलतजा पर हम ना माने
फिर एक दिन रो पड़ा वो, कहा बगुला भगत हो तुम
मुझे तड़पा के खुद खुश रहने का आडंबर करते हो
तब हमने दिल को समझाया था
की जालिम है यह समाज
ये दुनिया के रीति रिवाज
परवाना बनेगा तो जल जाएगा
और सहमा दिल मान गया
पर यह कुछ महीनो पुरानी बात है
आज फिर से दिल ने इजाज़त माँगी है
और आज फिर से दिल को हमने समझाया है
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